बुधवार, 10 दिसंबर 2008
जब छत पर बैठे देखा ढलता चांद
चॉद जो यूं ढलता है फिर निकलता है समां है या सिर्फ अंधेरा, जिंदगी कुछ यूं ही है ये आशा का सवेरा है या फिर गम अंधेरा...कौन है जो ये पहेली सुलझा सके...शायद कोई नही...शाम के पहलू में ये ढलता चॉद समझ नही आया ..शायद यही ज़िंदगी की सच्चाई है...काश ये शाम का समां कभी ना ढलता ...चॉद यूं ही अपना चांदनी बिखेरता...दिल कितना पत्थर है कुछ नही समझता ...समझता है तो नादान ख्वाहिंशो को, जो उसकी अपनी ख्वाहिश है...रूख दिल का यूं बेपरवाह हो जाएगा पता नही था...काश आसमान से गिरके दिल के चाहतो पे ना अटकते तो शायद यूं ना टूटते...चांद तारे मत तोड़ना बस अपना साथ मेरे हाथ में दे देना...गम या खुशी का तब एहसास होता है जब कोई एहसास दिला सके...जब चां भी चांदनी बिखेरने से कतराता है तो भला इन्सान अपना दिल क्यूं किसी के लिए कुर्बान करे..
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आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंलगातार पोस्ट्स डालते रहिए
achchi hai.. thodi si azeeb bhi hai.. kavietri ka mann bohot vyakul lagta hai.thodi aur soch aur kam gahrai kavitaon mein nayi jaan dal sakti hai aur usse rochak bana sakti hain. Main umeed karta hoon ki kamya apne aane wali kavitaon mein kuch aisa hi karegi.
जवाब देंहटाएंwELCOME KAMYA IN THE WORLD OF BLOGGERS...I HAVE NO DOUBT ON YOUR WRITING SKILLS...AND AS FAR AS YOUR POETRY EZ CONCERNED IT VERY WELL REFLECTS THE STARK REALTIES OF LIFE...
जवाब देंहटाएंswaagat hai
जवाब देंहटाएंKamya ji,
जवाब देंहटाएंBlog jagat ben apka tahedil se swagat hai.asha kartee hoon bhavishya men ap bahut kuchh achchha pdhvaengee.
Poonam
कलम से जोड्कर भाव अपने
जवाब देंहटाएंये कौनसा समंदर बनाया है
बूंद-बूंद की अभिव्यक्ति ने
सुंदर रचना संसार बनाया है
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लिए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com
बहुत बढ़िया लिखा है आपने ......ऐसे ही लिखते रहिये | धन्यवाद
जवाब देंहटाएंbahut khub bahut umda likha hai aapne shubhkaamnay.....
जवाब देंहटाएं๑۩۞۩๑वंदना शब्दों की ๑۩۞۩๑
सच कहा है
जवाब देंहटाएंबहुत ... बहुत .. बहुत अच्छा लिखा है
हिन्दी चिठ्ठा विश्व में स्वागत है
टेम्पलेट अच्छा चुना है. थोड़ा अपने ब्लॉग को सजा ले .
कृपया मेरा भी ब्लाग देखे और टिप्पणी दे
http://www.ucohindi.co.nr
मनोज , कोलकाता
कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें .(हटाने के लिये देखे http://www.ucohindi.co.nr )
जवाब देंहटाएंमनोज , कोलकाता
बहुत अच्छा लिखा है आपने । भाव और विचार के समन्वय से रचना प्रभावशाली हो गई है ।
जवाब देंहटाएंमैने अपने ब्लाग पर एक लेख िलखा है- आत्मविश्वास के सहारे जीतें जिंदगी की जंग-समय हो तो पढें और कमेंट भी दें-
http://www.ashokvichar.blogspot.com
आपका ब्लॉग देखा. बहुत अच्छा लगा. आपके शब्दों को नित नई ऊर्जा मिलती रहे और वे जन साधारण के सरोकारों का समर्थ और सार्थक प्रतीकन करें, यही कामना है.
जवाब देंहटाएंकभी समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर भी पधारने की कृपा करें-
http:www.hindi-nikash.blogspot.com
सादर-
आनंदकृष्ण, जबलपुर.
first of all m so sorry 4 reading dis blog so late... :( i never knew dat u ryt so beautifully.... :)
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